सूर्य ग्रहण एक ऐसी प्राकृतिक घटना है, जिसका प्राकृतिक और वैज्ञानिक दोनों ही महत्व है | वैज्ञानिक लिहाज से देखा जाये तो सूर्य ग्रहण एक प्राकृतिक घटना है, जिसे नंगी आँखों से नहीं देखा जा सकता है | वहीँ धार्मिक लिहाज से देखा जाये तो ग्रहण एक अशुभ घटना है, जो हमारे जीवन को कई तरीको से प्रभावित करती है | धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बताया गया है कि ग्रहण की दशा में ऐसे कई कार्य है, जिन्हे नहीं करने चाहिए | आज हम आपको इसी बारे में जानकारी देने जा रहे है की ग्रहण के समय क्या क्या सावधानी बरते |
यह है सूर्यग्रहण का समय व सूतक काल
26 दिसंबर को होने वाला सूर्यग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 08:17 से शुरू होगा और 10:57 पर समाप्त हो जायेगा | इस दौरान खंडग्रास की अवधि 2 घंटे और 40 मिनट की रहेगी | इसके अलावा सूतक काल सूर्यग्रहण से 12 घंटे पहले आरम्भ हो जायेगा |
किस राशि और नक्षत्र में लगेगा सूर्यग्रहण
इस बार सूर्यग्रहण गुरु की राशि धनु और मूल नक्षत्र में लगेगा | जानकारी के लिए बता दे मूल नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है | इन सभी राशि, ग्रहो में इस बार सामंझस्य नजर आ रहा है |
सूर्यग्रहण के समय रखे ये सावधानियां
गर्भवती महिलाये अपना ख़ास ख्याल रखे, भूलकर भी सूर्यग्रहण की घड़ी में बाहर ना निकले |
ग्रहण के बुरे व अशुभ प्रभावों से बचने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करे |
ग्रहण के समय आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करे |
ग्रहण के समय पूजा पाठ और स्नान करना भी अशुभ माना जाता है, ऐसा करने से बचे |
ग्रहण के दौरान चाकू, छुरी जैसी तेज धार वाली वस्तुओं के प्रयोग से बचे |
सूर्यग्रहण को आँखों की बिना किसी सुरक्षा के ना देखे, ग्रहण के समय उपयोग में आने वाले चश्मों का प्रयोग करे |